A moment of glory for India, victory of extreme science, faith and steel nerves of our scientists.
There have been 43 attempts in past 54 years by five countries and a continent to reach mars and India is the FIRST nation ever to achieve this feat on the first go at the cost of $73million (the cheapest inter-planetary mission ever to be undertaken)
Pakistani Media on India’s Mangalyan(MOM) success

अब्दुल कादिर की निराशा सही हे एक ज़माने में अमेरिका का खास होने के कारण पाकिस्तान टेक्नोलॉजी और विकास में भारत से काफी आगे था विकास दर में ये जापान के बाद दूसरे नंबर पर थे अंदाज़ा होता हे की पाकिस्तान का बेडा गर्क 1973 में तेल की कीमतों में भरी उछाल से शुरू हुआ इसके के बाद अरब शेखो की जेब में जमकर दौलत आ गयी उससे बेहिसाब अय्यासशिया करने के बाद अरबो ने काफी पैसा पाकिस्तान भेजा धर्मप्रचार के नाम पर भेजा जिससे कठमुल्ला पगला गए और वही से पाकिस्तान का डाउन फाल स्टार्ट हो गया कोढ़ में खाज़ का काम जिया नाम के तानाशाह ने कर दिया अब कौन जाने जैसे पाकिस्तान के खिलाड़ी अहमद शहज़ाद खेल से ज़्यादा तब्लीग पर ध्ययन दे रहे हे कौन जाने इनके वैज्ञानिको का भी यही हाल हो चूका हो
sikander hayat
May 31,2013 at 08:12 PM IST
एक बार फिर अपनी निराशा जाहिर कर दु की यहा 60 क्रोड मुस्लिम्स के बीच छोटे बड़े जाकिर नाईक साहब या ज़ैद हामीद या कोई केसे भी धर्मपरचारक तो बढते ही जा रहे है वही दूसरी तरफ मुस्लिम पूंजीवादी या मुस्लिम सितारे सेलिब्रेटी या काबिल पेसे वाले टेलेन्टीड लोग भी बढते ही जा रहे है य लोग अपनी जगह है लेकिन हमे साथ साथ अब्दुल कलाम , अब्दुल सत्तार ईदि , प्रोफेसर मोहम्मदयूनूस महाथिरमोहम्म्द ( मलेशिया के निर्माता ) और मुस्लिम प्रेमचंद गाँधी मुस्लिम अब्राहम लिकन भी तो चाहिये ही चाहिये वो क्यो नही मिल रहे क्यो ? बहुत ही तकलीफ के साथ मुझे कहना पड रहा है की बहुत से काबिल मुस्लिम पढ़े लिखे सभ्य लोग गेर मुस्लिमो के सामने उदारवादी परगतिवादी बने रहते है य खुद गेर मुस्लिमो के साथ मिलजुल कर भी रहते है विकास करते है 1 चिटी भी नही मारते है लेकिन किसी आम मुस्लिम मेहफिल मे या कम पढ़े लिखे भावुक शोषित मुस्लिमो के बीच वो उन्हे जागरूक करने की जगह उन्हे कट्टरपन्तियो के भरोसे छोड़े रखते है