हिन्दुओं में एक बड़ा तबका साईं बाबा को मानने वाला तथा उनका पूजक है, साईं के एकल मंदिर के आलावा शायद ही कोई ऐसा मंदिर होगा जहां उनकी मूर्ति न हो | साईं संध्या , साईं भजन जैसी सामग्रियां शायद और किसी भी हिन्दू देवी- देवता से ज्यादा उपलब्द हो बाजार में |
ब्रह्मण जो कभी राम-कृषण का भक्त हुआ करता था अब अब साईं बाबा का पक्का भक्त बन गया है क्यूँ की वो साईं के बड़ते हुए भक्तो की संख्या और उसपे चड़ने वाले चडावे के लालच को कैसे छोड़ सकता है ….इसलिए अब हर मंदिर में उनकी मूर्ति स्थापित करता है , पर ये वही ब्रह्मण वर्ग है जिसने साईं को जीते -जी कभी मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया ….और अब उनकी मूर्ति मंदिर में स्थापित करता है और दिन रात साईं के गुण गाने में मग्न है |
साईं बाबा अपने चमत्कारों के लिए मशहूर हैं उनके भक्तो का विश्वास है यदि कोई एक बार शिर्डी में जाके कोई उनके दर्शन कर ले तो उसके सब दुःख दूर हो जाते हैं , इसलिए आम आदमी तो आम आदमी बड़ी हस्तियाँ भी शिर्डी में अपना माथा टेकने जरूर जाती हैं| उनके भक्त ‘साईं -राम ‘ बोलते हैं मतलब पहले साईं बाद में राम …यानि साईं राम से भी बड़े हो गए |
साईं बाबा का जीवन काल 1835 से 1918 तक था , उनके जीवन काल के मध्य हुई घटनाये जो मन में शंकाएं पैदा करती हैं की क्या वो सच में भगवान थे , क्या वो सच में लोगो का दुःख दूर कर सकते है?
1- १८५७ की पहली आज़ादी की लड़ाई में अंग्रेजो द्वारा लाखो भारतियों का मरे जाना|
साईं बाबा इन लोगो को मारने से क्यूँ नहीं रोक पाए?
२- साईं बाबा के जीवन काल के दौरान बड़े भूकंप आये जिनमें हजारो लोग मरे गए
(a ) १८९७ जून शिलांग में
(b ) १९०५ अप्रैल काँगड़ा में
(c ) १९१८ जुलाई श्रीमंगल असाम में
देखे – http://www.imd.gov.in/section/seismo/static/signif.हतं
साईं बाबा भगवान होते हुए भी इन भूकम्पों को क्यूँ नहीं रोक पाए ?…क्यूँ हजारो को असमय मारने दिया ?
3 – भारत का सबसे बड़ा अकाल साईं बाबा के जीवन के दौरान पड़ा
(a ) 1866 में ओड़िसा के अकाल में लगभग ढाई लाख भूंख से मर गए
(b) 1873 -74 में बिहार के अकाल में लगभग एक लाख लोग प्रभावित हुए ….भूख के कारण लोगो में इंसानियत ख़त्म हो गयी थी|
(c ) 1875 -1902 में भारत का सबसे बड़ा अकाल पड़ा जिसमें लगभग 6 लाख लोग मरे गएँ|
देखें – http://en.wikipedia.org/wiki/Famine_in_इंडिया
साईं बाबा ने इन लाखो लोगो को अकाल से क्यूँ पीड़ित होने दिया यदि वो भगवान या चमत्कारी थे? क्यूँ इन लाखो लोगो को भूंख से तड़प -तड़प कर मारने दिया?
4 – बाबा ने ऐसी कौन सी बात बताई या किस बात का ज्ञान दिया हो वेदों, उपनिषद, दर्शन या और हिन्दू ग्रंथो में उपलब्द नहीं थे ?
जब साईं ने कुछ अलग नहीं बताया तो फिर उनकी बाते ग्रंथो से ऊपर कैसे होगई ?
5 – अधिकतर नेता, अभिनेता -अभिनेत्री चुनाव में जितने अथवा अपनी फ़िल्में कामयाब करवाने के लिए शिर्डी जाते है, परन्तु कितने हैं जिन्हें चुनाव या फिल्मों में कामयाबी मिलती है, साईं सब को कामयाब क्यूँ नहीं कर देते?
6 – क्या 33 कोटि देवी देवता, राम, कृषण , शंकर ,विष्णु सब पुराने हो गए या वो अब काम के नहीं रहे , या वो अब लोगो की इच्छाएं पूरी करने में सामर्थ नहीं जो नये भगवान साईं बाबा की जरूरत पड़ गयी ?
7 – साईं बाबा एक मुस्लिम थे और जीवन भर मस्जिद में रहे, कुरान पड़ते थे ….उन्हें मुस्लिम की तरह दफनाया गया, उनकी पूजा क्यूँ? कितने मुस्लिम हैं जो साईं बाबा की तस्वीर अपने घर पर लगते हैं….उन्हें पूजते हैं?
हमेशा हिन्दू ही क्यूँ हर एक को पूजने के लिए तैयार रहता है? क्या उसे अपने पुराने भगवानो पर भरोसा नहीं?
क्यूँ ब्रह्मण हमेशा सिर्फ अपने पेट के बारे में सोचता है और आमदनी कैसे बढे उसके लिए नित नये भगवान बनाने में लगा रहता है ?, जिस तरह से एक दुकानदार अपनी दुकान पर रोज नये वस्तुए लाता है अपनी दुकानदारी चमकाने के लिए|
आप को जब ज्ञान ही नही है तो लेख मत लिखा करे महरास्त्र मे अनेक धर्म गुरु की जगह जगह पे पूजा होती है संतोषी माता की भी पूजा होती है और अब तक किसी मुस्लिम ने साइ बाबा के लिये क्लेम नही किया की वो मुस्लिम थे किऊँकी वो लोग कर नही पाये, वो दोनो धर्म का समान रूप से आदर करते थे और संत की समाधि बनाई जाती है और समाधि मे ही दफनाया जाता है जैसा की साइ बाबा के साथ हुआ ऐसे तो जब साइ बाबा के समय मे अल्लाह भी थे तो अल्लाह ने किऊन सबको भूकंप मे मरने दिया ये सब बेतुका लॉजिक आप अपने पास रखे और हम लोग अपने धर्म गुरु को कैसे भी पूजे ये हमारा मन है हम हिन्दू मे ऐसा नही है की जबरदस्ती का साइ बाबा का पूजा करना ही पड़ेगा जैसे की इस्लाम मे है हम लोग मे है साइ का पूजा करना है तो करो ना तो मत करो किसी और का करो , ये भी हो सकता है की किसी भी धर्म गुरु का पूजा मत करो कोई रोक टॉक नही है किसी तरह की पाबंधी नही है कोई भी कुछ नही कहता
दुनिया में सबसे कम पढने लिखने वाली कौम???
जवाब हिन्दुत्व
दुनिया में एक भी आविष्कार नहीं करने वाली कौम????
जवाब हिन्दुत्वदुनिया में सबसे कम विश्वसनीय कौम ??
जवाब हिन्दुत्व
दुनिया में सबसे ज्यादा झगडालू कौम ??
जवाब हिन्दुत्व
दुनिया में सबसे ज्यादा आतंकवादी पैदा करने
वाली कौम??
दुनिया में सबसे ज्यादा बच्चे पैदा करने वाली कौम ??
जवाब हिन्दुत्व या सुवर इसीलिए तो आज हिन्दुस्तान की लोकसंक्या 125 करो याने चीन को पीछे 2030 ताक छोड़ देंगे
दुनिया में पडौसी देशों में सबसे ज्यादा घुसपैठ करने वाली कौम ???
जवाब हिन्दुत्वदुनिया में सबसे ज्यादा अपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने वाली कौम ???
जवाब हिन्दुत्वदुनिया में सबसे ज्यादा बे-इज्ज़त होने वाली कौम ??
जवाब हिन्दुत्वदुनिया की सबसे मुफ्तखोर कौम ????
जवाब हिन्दुत्व
दुनिया की सबसे ज्यादा एहसानफरामोश कौम ????
जवाब हिन्दुत्व
दुनिया में हर जगह मार खाने वाली कौम???
जवाब हिन्दुत्वदुनिया को जीतने का दिन में ख्वाब देखने वाली कौम ???
जवाब हिन्दुत्व
दुनिया को एक ही मज़हब का अनुयायी बनाने का टुच्चा सपना देखने वाली कौम ??
जवाब हिन्दुत्व
Beta Harami Ram, Tumhare naam se hi pata chalta hai ki tum haram ke paida ho. Toh beta tumhe apne baap ka pata nahi toh “Hindu Dharm” ke bare main kya kah sakte ho.
Pahle apne BAAP ka Pata Lagao…………………..
Thank You
मेरे हिन्दू भाइयो को गुज़ारिश हैं के वे लोग इस्लाम कुरान को अपने मात्रभाषआ मे पढ़े टके आपको भी इसलम् की जानकारी हो जाए इस्लाम मे ईश्वर काहेता हैं के ‘ वो लोग सोचते हैं के हम कभी उठाए नही जाएंगे मरने के बाद’ यानि जब आदमी मिट्टी बन जाता हैं या फिर जलकर उसे राख बना दिया जाता तो इंसान काहेता हैं के मे कभी ज़िन्दा नही हो पौन्गा लेकिन इसपर ईश्वर कहता हैं के ‘मा के पेट मे बनने से पहेल इंसान क्या था ? कुछ भी नही तो जब मेने उसे मा केपेट मे खून के लोथडे से पैदा किया और उसे दुनाया मे लाया उसे मौत दी फिर एक दिन मे उसे ज़िन्दा भी करूंगा जिसतारहसे आप रात मे सो जाते हैं फिर सुबहा मे उठ जाते हैं मे जिस तरीके से मुर्दा ज़मीन ज़िन्दा करता हु उसीतरह से आप लोग भी एक दिन ज़िन्दा होंगे लेकिन इंसान धोखे मे हैं ‘ जिस दिन इंसान ज़िन्दा होंगा तो उससे ईशवर पूछेंगा के तूने किसकी इबादत की तो इंसान कहेंगा मैने पाथेर, सूरज , चन्द , सितारे , मृत आदमी तो ईश्वर कहेंगा जा उसीसे मांग मेरे पास तेरे लिए कुछ नही हैं
लोग तो पह्ले हिन्दु हि जन्म लेते है लोगो के करमति हाथ उसे मुसलमान बनाते है
क्या कुरान सूद ,शराब ,हत्या का समर्थन करता है
जितने भी आतंकवादी होते है क्या कुरान उनको यह शिक्षा देता है
दीय की रौशनी जहाँ तक जाती है लोग दुनिया व्ही तक देख सकते है ना
जितना ज्ञान जैसा विचार मिला है व्ही ना लोग लिखेगे
शराब से बुरा है कट्टर धर्म का नशा
आज लोग को खून की जरुरत हो नतो क्या वह हिन्दू मुस्लिम खून की बोतल कहेगे
आबादी ,अशिक्षा ,आतंकवाद का केंद्र कोन है
अगर जानना हो तो आईने के सामने खड़े हो जाओ
काश युगपुरुष? साई बाबा अपने समय में अंग्रेजो के एक भी अत्याचार से भारतवासियों को मुक्त करा देते या लाखो हिंदुओं का कत्लेआम रुकवा देते या शिरडी जैसे छोटे से गांव से बाहर एक भी चमत्कार दिखा देते तो मैं भी दिल से उन्हें नमन करता।
अपने सामने आतताइयों के जुल्मो को देखते रहे,विधर्मियों के हाथो महिलाओ की इज्जत लूटते देखते रहे,700 की आबादी वाले शिरडी गांव से बाहर भी करोड़ो देशवासी तकलीफो में जीते रहे , पर महादेव,श्रीकृष्ण,राम,हनुमान के कथित अवतारी,परब्रह्म,ॐ साई प्रचोदयात् कहलाने वाले, तू ही दाता-तू ही विधाता कहलाने वाले,जिसके चरणों में चारो धाम हो, उस साई बाबा ने कुछ नहीं किया।
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बताइये मैं कैसे उन्हें ये सब मान लू..!
Is article me sahi sawaal uthaae gaye hain? Dharm ke naam par kee jaanewaali dhandhebaajee ki upaj hai Sai Baba ka cult. Apne kabra me pade ek faqeer ka kuchh lalachi log apne hit me istemaal kar rahe hain. us fakir ke kabra par ghante bajaaye jaate hain. Yadi koi ruh hota hai, to Sai Baba ke ruh ko unke kabra me shanti se aaram karne do lobhiyon.
कहते है की हिन्दू धर्म सब से
पुराना धर्म
है, जबकि ये आज तक
पता नही इनको की
1) हिन्दू शब्द न किसी वेद में है,
हिँदू शब्द ना पुराण, में ना
महाभारत में, न रामायण में। जबकि हिन्दू
नाम फारसियो का दिया हुआ नाम है,
जिसका अर्थ है, काला, चोर,कायर।
2) कहते है की वेद सब से पुराने
है,जबकि ये
तक पता नही वेद कब आये किसने
लिखे,
किसने सुने, वेद
की असली पाण्डुलिपि कहा है.
अगर कोई
कहे
की असली पाण्डुलिपि कहा है
तो कहते
है की वो तो अंग्रेज चुरा के ले गए।
3) अगर कहो की वेदों में
अवेज्ञानिक तथ्य
है, और टकराव है वेदों की शिक्षा में
जैसे
की कही मूर्ती पूजा को मना किया गया है
तो कही सही बताया गया है
कही एक
इश्वर को बताया गया है तो कही ३३
करोड़ बताया गया है, कही मॉस खाने
को कहा गया है
तो कही मना किया गया है, इन
ग्रंथो में
जात पात उच्च
नीच ,सती प्रथा आदि अनेक
कुरीतिया है ,
तो ये जवाब देते है
की असली वेद
तो अंग्रेज
चुरा के ले गए। अंग्रेजो ने वेदों और
पुराणों और मनुस्मृति और दुसरे ग्रंथो में
मिलावट कर दी।
4) अगर कहो की हिन्दू धर्म केवल
भारत में
ही क्यों है, तो जवाब देते है
की हिन्दुओ ने
कभी हिंसा नही की और
अपने धर्म
को दुसरे देशो में प्रचार नही किया।
अगर
हिन्दू इतने ही अहिंसक है
तो वेदों पुराणों, रामायण, महाभारत, में
केवल लड़ाई और खून
ख़राबा क्यों भरा पड़ा है।
5) यहाँ तक की हर भगवान् और
देवी देवता के पास तरह तरह के
हथियार
है। और सब ही हिन्दू ग्रंथो में
केवल लड़ाई
ही लड़ाई है। यहाँ तक
की सब से बड़े
भगवान ब्रम्हा विष्णु और महेश
भी लड़ाई
करते हुए मिलेंगे।
6) इतिहास अगर आप पढेंगे तो जानेंगे
की न
जाने कितने हिन्दू राजाओ हिन्दू धर्म
छोड़ दिया। जैसे की चन्द्रगुप्त मोर्य
ने
जैन धर्म अपना लिया और उसके बच्चो ने
भी। हर्षवर्धन ने जैन धर्म
अपना लिया।
अशोक ने बुद्ध धर्म अपनाया और बुद्ध धर्म
का प्रचार किया आज बुद्ध धर्म को हिन्दू
धर्म से ज्यादा माना जाता है, विश्व में
सैकड़ो देश बुद्ध धर्म को मानते है। लेकिन
हिन्दू धर्म केवल भारत में
ही बचा हुआ है।
गुरु नानक देव दे इस हिन्दू धर्म को छोड़
दिया और सिख धर्म
की नीव
रखी।
7) अगर हिन्दू इतने ही अहिंसक
है
तो भारत में अन्य धर्मो को मानने
वालो का क़त्ल अ आम क्यों किया जाता है,
और दंगे करके उनको मारा काटा जाता है।
जैसे कर्नाटक में इसाई का क़त्ल अ आम ,
गोधरा आसाम और भारत के कोने कोने में
मुस्लिमो का कत्ल अ आम। १९८४ में
सीखो का क़त्ल अ आम। सिक्किम
मडिपुर में
इसाई का क़त्ल अ आम। जबकि विश्व में
कही भी हिन्दुओ के
खिलाफ दंगे या क़त्ल अ००००
वैसे तो में किसी की भी आस्था पर कभी कोई टिप्पणी नहीं करता मगर में जहा रहता हु वहाँ भी एक बहुत ही आलीशान गाडी घूमती दिख जाती हे जिसमे सिर्फ ड्राइवर होता हे और पीछे साईं प्रतिमा – क्या कहे – ?
लेकिन केशव भाई इस तरह की राज़ हैदराबादी छाप बाते ( जिन्होंने नवभारत ब्लॉग पर गंद मचा रखी हे ) ”भारत का सबसे बड़ा अकाल साईं बाबा के जीवन के दौरान पड़ा
(a ) 1866 में ओड़िसा के अकाल में लगभग ढाई लाख भूंख से मर गए
(b) 1873 -74 में बिहार के अकाल में लगभग एक लाख लोग प्रभावित हुए ….भूख के कारण लोगो में इंसानियत ख़त्म हो गयी थी|
(c ) 1875 -1902 में भारत का सबसे बड़ा अकाल पड़ा जिसमें लगभग 6 लाख लोग मरे ” इन बातो से कोई फायदा नहीं हे इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा जिन्हे आस्था हे वो तो कह ही देंगे की इन आपदाओ में करोडो लोग मरने थे लेकिन इस उस ये वो फला फला की कृपा से केवल लाखो ही मरे – ?
[8/1, 11:14 PM] vipin: http://saishirdiexpose.wordpress.com
जानए साई को साई सचित्र से साईं के महा दुष्ट होने के प्रमाण :-
ch-1 पहली लाइन, मैं बाबा के दर्शन करने मस्जिद गया,
ch-2 2nd… लास्ट पेज, बाबा हमेशा मस्जिद में रहते थे ,
Ch-23, बाबा के मुह पर सदैव अल्लाह मालिक रहता था ,
ch-22 बाबा खाने से पहले अल फातिहा जरुर पढ़ते थे ,
ch-22, बाबा रोज कुरान पढ़ते थे ,
ch-23 बाबा ने न खुद कभी उपवास किया न किसी को करने दिया ,
Ch-38 बाबा प्रसाद में मीठ मिला कर देते थे ,
ch-38, मीठ राइस उनका सबसे प्रिय भोजन था
Ch-23, बाबा ने कहा मैं तो यावनी (मुसलमान) हूँ
Ch- 28,शिरडी पहुँचने पर जब वह मस्जिद मेँ घुसा तो बाबा अत्यन्त क्रोधित हो गये और उसे उन्होने मस्जिद मेँ आने की मनाही कर दी। वे गर्जन कर कहने लगे कि इसे बाहर निकाल दो। फिर मेधा की ओर देखकर कहने लगे कि तुम तो एक उच्च कुलीन ब्राह्मण हो और मैँ निम्न जाति का यवन (मुसलमान)। तुम्हारी जाति भ्रष्ट हो जायेगी। गंगाजल का अपमान :-
Ch-32 मुझे इस झंझट से दूर ही रहने दो। मैँ तो एक फकीर(मुस्लिम, हिन्दू साधू कहे जाते हैँ फकीर नहीँ) हूँ।मुझे गंगाजल से क्या प्रायोजन? मांसाहारी साँई बाबा :-
CH- 23 मस्जिद मेँ एक बकरा बलि देने के लिए लाया गया। वह अत्यन्त दुर्बल और मरने वाला था। बाबा ने उनसे चाकू लाकर बकरा काटने को कहा।
CH- 23तब बाबा ने काकासाहेब से कहा कि मैँ स्वयं ही बलि चढ़ाने का कार्य करूँगा। CH-5 & 7 फकीरोँ के साथ वो आमिष(मांस) और मछली का सेवन करते थे।
CH-38 कभी वे मीठे चावल बनाते और कभी मांसमिश्रित चावल अर्थात् नमकीन पुलाव। CH32 एक एकादशी के दिन उन्होँने दादा कलेकर को कुछ रूपये माँस खरीद लाने को दिये। दादा पूरे कर्मकाण्डी थे और प्रायः सभी नियमोँ का जीवन मेँ पालन किया करते थे। CH-38 ऐसे ही एक अवसर पर उन्होने दादा से कहा कि देखो तो नमकीन पुलाव कैसा पका है? दादा ने योँ ही मुँहदेखी कह दिया किअच्छा है। तब बाबा कहने लगे कि तुमने न अपनी आँखोँ से ही देखा है और न ही जिह्वा से स्वा
एक बहुत ही कटु सत्य लिख रहा हूँ ।
प्रभु श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है :
जो भूत को प्रेत को पूजता है जो मृत आत्माओं को पूजता है वह भूत बनता है , प्रेत बनता है ।
इसका अर्थ है उसकी अकाल मृत्यु होती है , उसकी आत्मा उसकी आयु पूरी होने तक इधर उधर भटकती है ।
अपने आस पास साईं को पूजने वाले परिवारों और भक्तों को देखिये उनके यहाँ अकाल मृत्यु अवश्य होती है या कोई भीषण दुर्घटना हुई होगी और लूले लंगड़े होकर बैठे होंगे ।
नहीं हुई है तो हो जाएगी ।
साईं को पूजते रहिये जो स्वयं प्रेत है , आपको भी प्रेत बनाकर छोड़ेगा ।
साई बाबा मुसलमान थे।
सभी हिंदू भाइ बहेनो को मै ये जानकारी देने जा रहा हू जो साई बाबा के भक्त है।
ये मेसेज सिफॅ हिंदूओ को धामिॅक जानकारी के लिये बनाया गया है
दरअसल कुछ हिंदू ओ को ये भी नहि पता की किस को भगवान माना जाता है अब तो साई बाबा को सब भगवान समज बैठे है हालाँकि साई बाबा मुसलमान थे।
जी हा ये बात खुद हमारे दक्षिण के जगतगुरु शंकराचार्य जी ने कहा है
भाइयों साई बाबा मुसलमान थे इसकी साबिती नीचे दी गई है
1)हमारे धमॅ में दो तरह के साधु संत होते है 1. जिनका पूरा मुन्डन होता है जिनके सर , दाढी ओर मूछ नहि होते। जैसे कि इस्कोन मंदिर के पुजारी के होते हैं।2. जिनके जटाधारी बाल एवं दाढी ओर मूछ होते है जैसेकि बाबा रामदेव। ओर साई बाबा को गौर से देखे तो नजर आता है कि उनकी मूछ कम ओर दाढी ज्यादा है। यह वह मुसलमान थे इसका पहला पुरावा है।
2)हिंदू धर्म के साधु संतों किसी भी प्रकार की टोपी नहीं पहनते अगर कोई पघडी पहनते भी है तो वो हिन्दू घाट की होगी ओर साई बाबा जैसी टोपी पहने हुए थे वो मुस्लिम समुदाय की थी।
3)हमारे धर्म के साधु संतों धोती पहनते है और मुस्लिम मौलाना के पारंपरिक वेश में लूंगी आती है औऱ साई बाबा भी लूंगी पहनते थे।
4) शिरङी में जाकर देखें तो पता चलता है कि साई मंदिर के पहले साई की कब्र आती है , जरा सोचिए कब्र तो मुसलमानों की खोदी जाती है अगर वह हिन्दू होते तो उनकी समाधि होती।
5)शिरङी वाले साई बाबा गीत में कई उर्दू शब्दों आते हैं। ओर एक लाइन भी है – तेरी रेहमत का किस्सा बयां अकबर करें क्या। अगर साई बाबा हिंदू हैं तो अकबर कहा से आया?
6) भाईयों तथा बहेनो हमारे धर्म के आधारित कलियुग में सिर्फ दो भगवान है 1 . भगवान बुद्ध 2. ओर कलकी अवतार जो कि कलियुग के अंत में आयेंगा। तो यह इस बात का प्रमाण है कि साई बाबा कोई भगवान नहीं है।
7) सबसे आखिरी ओर सनातन सत्य वाक्य साई बाबा का असली नाम चांद मोहम्मद खान था।
विकास जी
हिन्दू धर्म के मैंने वाले जब राधे माँ , आसाराम बापू , राम -रहीम, और न जाने कौन कौन , रेपिस्ट, भराष्ट्रचारी , धोखे बाज को भगवन मानती है तो साईं बाबा तो इन सब से बेहतर ही है , इस लिए इस्लाम का कहना है भगवन एक है बस इस की पूजा करो . सब को भगवन मैंने के कारन हिन्दू धर्म में इतनी बुराइया आ गयी ,
हसन भाई जिस तरह से मुस्लिम शिर्क नहीं कर सकता हे चाहे जितना प्रेशर हो वैसे ही हिन्दू समाज बहुदेववाद को कभी नहीं नहीं छोड़ सकता हे नेवर एवर क्योकि यही इनकी संस्कर्ति हे जैसे राम को ना माने तो दिवाली कैसे मनेगी किसी ख़ुशी में मनेगी ? तो बेहतर यही हे की हम ये सच और सहअस्तित्व पूरी तरह से समझ कर स्वीकार कर ले इसी में सबका भला हे
सही कहा विकास जी …..
लेकिन जो 5) पॉइंट आप लिखे ह ….
उस पे इतना कहुगा की उस फिल्म का नाम अमर अकबर एथोनि
था ….. ये गाने (कव्वाली) मे इसी अकबर को लिया गया था |