भारत और पाकिस्तान दोनो मुल्को मे महिलाओ की केतनी दयनीय स्तिथि है के आप सिर्फ एक घटना जो भारत मे और पाकिस्तान मे दोनो तरफ गठित हुई. भारत के शहर बदायूँ मे दो बहनो का गैंग रेप के बाद उस की हत्या कर पेड़ पे टांग दिया गया मगर अभी तक अपराधी को नही पकड़ा जा सका है. इसी तरह पाकिस्तान के लाहोर मे एक लड़की जो शादी से पहले माँ बन गयी थी बाद मे उस ने शादी कर लि , इसी केस मे जब वो अदालत पहुंची तो वहा उस के घर और मुहल्ले वाले पत्थरो से मार कर उस की हत्या कर दी जब के पुलिस वहा मौजूद थी मगर उस ने रोकने की कोशिश नही की. इस तरह की घटनाये महिलाओ के खिलाफ दोनो मुल्क मे हर रोज़ ही होते है.
निदा फ़ाज़ली आधुनिक उर्दू शायरी के बहुत ही लोकप्रिय शायर हैं |यह शायर हिन्दी के पाठकों के लिए भी उतना ही सुपरिचित है जितना उर्दू के पाठकों के लिए |इस तरह की अमानवीय घटना जो दोनो मुल्क मे हुई है और होती रहती है पड कर मुझे निदा फाजली की एक कविता याद आ रही है जो दोनो मुल्क के हालात पर सब से सटीक टिप्पणी है तो लीजिये आप भी इस कविता का आनंद लीजिये
इन्सान में हैवान यहाँ भी है वहा भी
अल्लाह निगहबान यहाँ भी है वहा भी
खूखार दरिंदो के फकत नाम अलग है
शहरो में बयाबान यहाँ भी है वहा भी
रहमत कि कुदरत हो या भगवान कि मूरत
हर खेल का मैदान यहाँ भी है वहा भी
हिन्दू भी मजे में है, मुसलमा भी मजे
इंसान परेशान यहा भी है वहा भी
उठता है दिलो जान से धुवा दोनो तरफ ही
ये मीर का दीवान यहा भी है वहा भी
sach baat kahi—- दुखद
एक सचाई उकेरता हुआ सुन्दर ब्लॉग साधुवाद
सच बयान करता ब्लॉग ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये हम तथाकथित सभ्य समाज को कड़े निर्णय लेने ही होंगे
अफ़ज़ल साहब आपने बहुत खूब बयान किया है इंसान के दर्द को.
राजा भोज की तुलना आपने गंगू तेली से कर दी लगता है आप भारत मे नही रहते है आप कहीं बाहर के है और दुबई या सौदी अरब मे रहते है तभी तो ऐसा लिख दिये ,किसी भी दृष्टि से भारत की तुलना पाकिस्तान से नही की जा सकती है आज अगर भारत अपना बॉर्डर खोल दे तो सारा का सारा पाकिस्तानी भारत ही भगेगा किऊँकी मुस्लिमो को मुफ्त की खाने की आदत है , जब की यहा से कोई भी हिन्दू या कोई भी.. पाकिस्तान या अफ़ग़ानिस्तान बांग्लादेश जाने का नही सोचता है , चलिये आप ही कोई रास्ता निकालिये जिससे की यहा के सारे के सारे मुसलमान फिर से पाकिस्तान चले जाए और पाकिस्तान के बचे हुए हिन्दू वापस भारत मे आ जाये तो कितना अच्छा हो किऊँकी बटवारे के बाद मुस्लिमो का एक्चुयल मे पाकिस्तान ही जाना था और वो ही उसका देश था लेकिन गाँधी नेहरू के कारण आज ये मुस्लिम देश द्रोही भारत मे बैठे हुए है और इसी देश को खोखला करने मे लगे हुए है वंदे मातरम कहने मे इनलोग का फट जाता है देश द्रोही , और आज ऐसी स्तिथि है की ये मुसलमान 2 बच्चा कानून को समर्थन नही करते यूनिफॉर्म सिविल कोड को समर्थन नही करते , क्या ये मुस्लिम बर्ग चाहते है की भारत मे एक हिटलर पैदा हो और वो जो जार्मेनी मे जैसे यहूदी के साथ किया था वो ये भारत मे मुस्लिमो के साथ कर दे ये सिर्फ एक इतिहास ही तो बनाना है फिर यहा शान्ती ही शान्ती होगी और फिर जैसे आज जार्मेनी सुपर पॉवर है वैसे इंडिया भी सुपर पॉवर होगा चाहे कुछ भी हो भारत का भविस्य सुन्दर ही होगा और ताकतवर ही होगा इन मुस्लिमो के चक्कर मे पड कर जैसे अफ़ग़ानिस्तान पाकिस्तान बांग्लादेश मिस्र यमन जैसे देश का हाल हुआ है ये मुस्लिम भारत को भी वैसा ही बनाना चाहते है क्या आपको भी बंदे मातरम कहने मे शर्म आता है भारत के कई देश द्रोही मुस्लिम तो बंदे मातरम तक नही कहना चाहते क्या वो इस देश को खोखला बनाने मे नही लगे हुये है , नरेन्द्रा मोदी का पहला स्टेप ये होना चाइये जो बांग्लादेशी 5 करोड़ भारत मे घुस आये है उनको सबसे पहले संसद मे कड़ा से कड़ा कानून बना के पुलिस और सेना के द्वारा भारत से लात मार के भगाये , फिर बाद के बाद मे देखेंगे लेकिन मोदी का पहला स्टेप ये ही होना चाइये
पंकज साहब एक अच्छा इंसान बनने के लिये एक अच्छा दिल और सूजबूझ होनी चाहिये, लगता है आप को साहित्य से दूर का भी वास्ता नही है, जब आप को साहित्य से वास्ता ही नही तो आप से क्या बात की जाये—- इंसानियत क्या है उस को समझिये फिर इस लेख को समझे—–
बिलकुल सही कहे सर आप
یہ خبر پاکستان اور انڈیا دونو جگہ کی ھے
پاکستان کے شہر لاہور مین ایک لڑکی کے ساتھ لڑکون نے بد تمیزی کی اور جب لڑکی عدالت گی تو اسکو اسکے محلے والوں اور رشتہ داروں نے پتھر مار مار کر مار ڈالا
اور
انڈیا میں شہر بدایوں مین دو بہنوں کے ساتھ لرکون نے بد تمیزی کی اور اسکے بعد ان دونو لڑکیون کو درخت پر لٹکا کر مادالا ایسی ہی وارداتیں پاک اور انڈیا مین اکثر ہوتی رہتی ہیں
ندا فاضلی اج کے دور کے مشہور شاعر ہیں انکی ایک نظم ایسے ہی حالات پر ھے
انسان میں حیوان یہاں بھی وہاں بھی
اللہ نگہبان یہاں بھی وہاں بھی
خونخوار درندوں کے فقط نام الگ ہیں
شہروں مین بیابان یہاں بھی وہاں بھی
رحمت کی قدرت ہو یا بھگوان کی مورت
ہر کھیل کا میداں یہان بھی ھے وہاں بھی
ہندو بھی مزے میں ھے ، مسلماں بھی مزے میں
انسان پریشان ھے یہان بھی وہان بھی
اٹھتا ھے دل و جاں سے دعا دونو طرف
یہ میر کا دیوان یہاں بھی وہاں بھ
Guilty must be brought to book………shame on our society.
अफजल भाई, निदा फाजली जी ने जो दर्द बया किया है वो किसी इंसान का ही हो सकता है, किसी कट्टर का नही. दोनो ही घटनाये अत्यंत ही शर्मनाक है. वैसे नभाटा के अनुसार वो पाकिस्तानी लड़की फैसलाबाद की रहने वाली थी और उसने कुछ महीने पेहले अपनी पसंद से शादी की थी और मारे जाने के वक़्त वो गर्भवती थी ना की किसी बcचे की मा………. आप पूरी खबर नही देख पाये होंगे “शायद”