अगर रेप का मन है तो शादी कर लीजिए. रोज़ खूब रेप करिए भारत सरकार और ऐसी ही सोच वाली कई और देशो की सरकार इनडाइरेक्ट तरीके से आपको रेप का अधिकार देती है. बस कन्डीशन है आप मैरिज सर्टिफिकेट दिखा दीजिए. वैसे भी जिस देश मे रेप के मुकदमो में फँसे लोग आसानी से जीत कर संसद तक पहुच जाते है वहा रेप जैसी छोटी मोटी बाते ज़्यादा मायने नही रखती. निर्भया से पहले तो रेप कोई बहुत बड़ी आफ़त थी ही नही.लेकिन क्या इंडिया में शादी का मतलब महिला द्वारा अपने शरीर का अधिकार पूरी तरह खो देना हैं. अगर यही हमारी कल्चर है तो क्या वाकई ऐसी किसी कल्चर की ज़रूरत हमें है जो शादी के बाद रेप को रेप ही ना मानती हो. हाँ, ये मुश्किल ज़रूर हो सकता है की शादी के बाद रीलेशन मर्ज़ी से था या रेप था इसको साबित करना कठिन हो जाए, और इसके साथ दूसरे पहलू भी हो सकते है. लेकिन पति द्वारा रेप को क्राइम मानने की बात को सिरे से खारिज़ कर दिया जाए ये बात किसी भी तरह वाजिब नही है.
दाग अच्छे है…”
‘कुछ दाग अच्छे होते है…’
जैसे पहली बार नौवी क्लास में बेंच पर लगा वो दाग!! उस बेंच पर लगे दाग की शर्म से वो कई दिनों स्कूल नहीं आई.. ये क्या और क्यों हुआ.. बस उसे जल्दी से घर जाना था और माँ को सब बताना था..
घर पहुंचकर रोने लगी. माँ ने समझाया, कहा- बेटी दाग अच्छे होते है.. ये तो नॉर्मल बात है.. वैसे तुम अब इसकी आदत डाल लो.. बेटी के लिए तो शर्म से मर जाने की बात थी.
माँ, तुम्हे पता नहीं है, मैडम ने भी देखा, मेरी सहेलियों ने भी देखा. जब अगले दिन स्कूल गयी तो क्लास के सारे लड़के मेरी तरफ देख कर हसने लगे.. मैं अब स्कूल नहीं जाउंगी… कभी नहीं!!!
एक सप्ताह बाद मुश्किल से समझाकर उसे स्कूल भेजा.. वो भी इस शर्त पर की माँ उसके साथ हर रोज़ स्कूल जाएगी…
साल भर ये उसके लिए शर्म की बात बनी रही..!!
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फिर एक दिन डिलिवरी के बाद ऑपरेशन थियेटर से बाहर आई. जैसे ही होश आया नजरे उस नन्हे चेहरे को तलाशने लगी .आज उसे अपनी माँ के चेहरे से भी ज्यादा उस चेहरे को देखने की ललक थी…..
आज उस दाग और इस नन्हे चेहरे का रिश्ता समझ आया..
आज दिल कहने लगा कुछ दाग अच्छे होते है, बस समझ नहीं पायी इसलिए साल भर शर्म में रही..
ग्रेजुएशन में हमारे ग्रुप में पहली शादी हुई. सारी सहेलिया एक्साइटेड थी. रीना के मंगेतर का फ़ोन आता तो हम स्पीकर ऑन कर देते. फिर सारी सहेलिया ठहाके मारकर हस्ती. जीजू आई लव यु कहकर चिल्लाते.. ये शोर शराबे अक्सर चलते रहते. फाइनली शादी का दिन आ गया. शादी के बाद 10 दिन बाद रीना ने कॉलेज ज्वाइन किया. उसकी बाते सुनने को हम उतावले हो रहे थे. घेर कर ग्रुप बना लिया,. हम चारो ओर और वो बीच में. बताना क्या हुआ, कैसे हुआ?!!
उसकी फर्स्ट नाईट जानने का क्रेज हम सबको था.
रीना बार बार दुपट्टा ऊपर कर रही थी. तभी ग्रुप की सबसे शरारती लड़की ने रीना का दुपट्टा खींचा और बोली क्या छुपा रही रही है.. !!!
हम सब फिर एकदम से चिल्लाई. Love bites.. yeeeee!!! . जीजू इज रोमांटिक हां…!!! रीना पहले शर्माती, हमे धमकाती फिर धीरे धीरे सब बताती. उसकी बाते सुनकर हम जैसे ख्वाबो में डूबे रहते. एक दो फ्रेंड तो बोल भी देती यार ऐसा ही लड़का हमे भी मिलना चाहिए. इन सब बातो में लंच से पहले के 2 पीरियड निकल गए. कई दिनों तक यही सब चलता रहा.
नेक्स्ट ईयर से रीना ने कॉलेज आना काम कर दिया था. मायके होने के बावजूद भी कॉलेज नहीं आती. डिस्टर्ब सी रहने लगी. पूछते तो कुछ बताती भी नहीं.
एक दिन बाथरूम में मैंने उससे पूछा- बताना क्या हुआ. जीजू से प्रॉब्लम है या सास तंग करती है, ख़ुशी बाटी तो गम भी बांटना चाहिए न. बताना!!! ऐसे कईयों बार पूछने पर उसने बाथरूम का मेन गेट बंद किया और अपनी टी शर्ट निकाल दी. उसके कंधों और बैक पर कई सारे निशान बने हुए थे. मैं बोलने ही वाली थी लव बा …, वो ज़ोर से चिल्लाई नहीं, ”These are not love bites. these are bites. He is very violent. I cant tell all these to my parents. शादी से पहले ज़िन्दगी जितनी खूबसूरत लगती थी उतनी ही भयानक हो गयी है,” और रोने लगी. कुछ सेकण्ड्स लगे मुझे ये समझने में की स्लीवलेस टॉप पहनने वाली लड़की क्यों फुल स्लीव टी-शर्ट पहनने लगी. हमारी संस्कृति में शादी पवित्र है, शायद उस कारण ये सब पवित्र है. यूनाइटेड नेशंस के सर्वे के मुताबिक इस देश में लगभग 75 प्रतिशत रीना है.
जब तक तलाक और आसानी से दूसरी मैरिज को नहीं अपनाया जाता, शादी के बाद भी किसी और के साथ सेक्स (कुछ मामलो में ) को गलत नहीं ठहराया जा सकता. हस्बैंड की जवानी में मौत हो गयी, लेकिन महिला को बच्चो के कारण दूसरी शादी नहीं करायी गयी, ऐसे में फिजिकल नीड तो है ही न ! पति शराबी है महीनो तक पत्नी के शरीर को नहीं छूता, लेकिन आपका समाज तलाक नहीं करवाता, तो फिजिकल नीड तो है ही न, पति विदेश चला गया- वहाँ जाकर नयी शादी रचा ली और महिला उसी पति के नाम से उसके बच्चे पाल रही है, उसको पति के नाम से आज़ादी आपका समाज नहीं लेने देता, फिज़िकल नीड तो बनती है न… पति रोज़ नयी नयी सेक्रेटरी/ कलीग के साथ पकड़ा जाता है लेकिन घर वाले तलाक नहीं होने देते- उसको जवाब तो देना बनता है न…. और ऐसे ही बहुत सारे और कारण …..
ये मेरे विचार या कहानी नहीं है.. वो है जो रोज़ गल्ली मोहल्लो गाँव शहर किसी दोस्त रिश्तेदारो पड़ोसियों की सच्ची बाते मैंने देखीं है …. आपने भी देखीं होगी, आप गौर न करे तो अलग बात है..
तुम गर्लफ्रेंड तक तो ठीक हो. मैरिज मेटेरिअल नहीं हो.
मैं मैरिज मेटेरिअल नहीं हूँ. ये बात तुम्हे उस दिन समझ में नहीं आई जब सारे दोस्तों का IIT में सिलेक्शन हो गया था और तुम्हारा नहीं हुआ. तुम्हे रोने को कन्धा चाहिए था. जब-जब फॅमिली में कोई प्रॉब्लम होती थी तो तुम्हे रोने को कन्धा चाहिए था. जब कभी मन नहीं लगता था तो रात में 2 बजे भी फ़ोन कर कर उठाते थे. जब, खुद दोस्तों के साथ घूमते थे और लास्ट टाइम आने पर मुझसे फिजिक्स की प्रैक्टिकल बनवाते थे. जब सेक्स के लिए मेरी जरुरत होती थी.. .. जब हॉस्टल का खाना अच्छा नहीं लगता था तो मुझसे घर से खाना बनवाते थे. जब, पार्क में बैठकर साथ जीने मरने के वादे करते थे. 3 साल के रिलेशन में क्या क्या न किया तुम्हारे लिए. जब कभी तुम्हे नहीं लगा मैं मैरिज मेटेरिअल नहीं हूँ.
आज मैंने बस इतना कहा था के मुझे औरत नहीं इंसान समझ लो. बराबरी की बातो से तुम इतना डर गए तुमने मुझे मैरिज मेटेरिअल की लिस्ट से बाहर कर दिया..
उफ़!! कितनी नासमझ थी मैं, 3 साल लग गए मुझे ये समझने में के तुम जीवन साथी लायक नहीं हो. औरत तो सारे समाज़ की नज़रों में थी.. तुमसे मोहब्बत औरत नहीं इंसान होने के नाते की थी..
((मेरी एक कॉलेज की सहेली की कहानी का एक हिस्सा.. ))
इसे हम लेख नही कह सकते . हा फसेबूक के स्टेटस है जो डाले जाते है. मगर कुछ भी कहिये गीता यादव सच ही कह रही है और भाषा थोड़ा मवाली टाइप है. एक लड़की हो कए इस तरह बेबाकी से लिखना बहुत ही हिम्मत की काम है.
ओर तुरअन्त अमेीर बनना हो तो किसि अमेीर लद्के से शदि कर लिजिए ओर फिर उस पर सेतिओन ४९८ अ लग देीजिए. हेना मेदम जि पिदित हमेशा केवल लद्किय हि नहि होति लद्के भि होते हे.
जब 50 शेड्स ऑफ ग्रे जैसे नोवल्स दुनिया मे लोकप्रियता के रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं. BDSM पे डिस्कवरी वाले डॉक्यूमेंट्री दिखा रहे है. उस सॉफ्ट पॉर्न पे हॉलीवुड मे महँगी फिल्म और टीवी सीरियल्स बन रहे हैं, तो सेक्स मे हिंसा एक अपवाद या निम्न वर्ग की ही मानसिकता है, नही माना जा सकता.
आपने बहूत बड़ी बात लिखि है क्योंकि ये story का एक हिस्सा शादी के बाद का कही live चल रहा है मेरे जानकारी मे थू है ऊन मर्दो पे जो सिर्फ हवस मिटाने की एक चीज़ समझते है औरत को
Behad Ghatiya post., Itni ghatiya ki pta nhi isne kitne logo ki khatiya khadi kar di..
Aapne baar baar Rape aur sexual desire ki baat kahi to sawal ye hi sex tabhi kyu ho jab aapki marzi ho..
Males ki bhi physically need hoti hai..
Is baare me bolne ko itna jyada hai ki aap sunte sunte paresan ho jaogi..
Par chuki maryada jaruri hai isliye kuchh bolne likhne me nhi ban rha hai..
Yaad rakhiye ki agar koi purush badchalan hota hai to ek generation kharab hoti hai but agar koi aur badchalni pe utar jaye to aane wale teen generation kharab hoti hai..
Aapko jankari na ho but mai aapko bta du ki Rape ke 75% mamle jhoothe hote hain kyuki tab physical relationship Dono ki marzi se hi bante hain..
Jinhe baad me pariwarik awab ya phir kinhi aur karno se Rape ka thappa de diya jaata hai..
Aapne pta nhi kiska kahani uthaya aur chipka diya but sach ye hai ki aaj koi bhi ghar agar kharab hota hai ya phir majboot hota hai to wajah sirf aurat hi hai..
Dhayan dene ki baat ye hai ki kharab ghar hone ki tadad bahut hi jyada hai..