सेलफ़ोन’—एर्नेस्तो कार्देनाल की इस कविता को पढ़ने के बाद पहले की तरह ‘मोबाइल-किलोल’ करते जाना वाकई कलेजे का काम है….यकीन न हो तो पढ़कर देखिये, वैसे भी मोबाइल में छिपे हत्यारे कोल्टन पाउडर के बारे में आपको मीडिया नहीं बतायेगा। यह काम कवि ही कर पायेंगे …मई दिवस पर निकारागुआ के महाकवि एर्नेस्तो कार्देनाल की एक कविता.
सेलफोन
आप अपने सेलफोन पर बात करते हैं
करते रहते हैं करते जाते हैं
और हँसते हैं अपने सेलफोन पर
यह न जानते हुए कि वह कैसे बना था
और यह तो और भी कि वह कैसे काम करता है
लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है
परेशानी की बात यह कि आप नहीं जानते
जैसे मैं भी नहीं जानता था
कि कांगो में मौत के शिकार होते हैं बहुत से लोग
हजारों हज़ार
इस सेलफोन की वजह से
वे मौत के मुहं में जाते हैं कांगो में
उसके पहाड़ों में कोल्टन होता है
(सोने और हीरे के अलावा)
जो काम आता है सेलफोन के
कंडेंसरों में
खनिजों पर कब्जा करने के लिए
बहुराष्ट्रीय निगम
छेड़े रहते हैं एक अंतहीन जंग
15 साल में 50 लाख मृतक
और वे नहीं चाहते कि यह बात लोगों को पता चले
विशाल संपदा वाला देश
जिसकी आबादी त्रस्त है गरीबी से
दुनिया के 80% कोल्टन के भण्डार
हैं कांगो में
कोल्टन वहां छिपा हुआ है
तीस हज़ार लाख वर्षों से
नोकिया, मोटरोला, कम्पाक, सोनी
खरीदते हैं कोल्टन
और पेंटागन भी, न्यूयॉर्क टाइम्स
कारपोरेशन भी,
और वे इसका पता नहीं चलने देना चाहते
वे नहीं चाहते कि युद्ध ख़त्म हो
ताकि कोल्टन को हथियाया जाना जारी रह सके
7 से 10 साल तक के बच्चे निकलते हैं कोल्टन
क्योंकि छोटे छेदों में आसानी से समा जाते हैं
उनके छोटे शरीर
25 सेंट रोजाना की मजूरी पर
और झुण्ड के झुण्ड बच्चे मर जाते हैं
कोल्टन पाउडर के कारण
या चट्टानों पर चोट करने की वजह से
जो गिर पड़ती है उनके ऊपर
न्यूयॉर्क टाइम्स भी
नहीं चाहता कि यह बात पता चले
और इस तरह अज्ञात ही रहता है
बहुराष्ट्रीय कंपनियों का
यह संगठित अपराध
बाइबिल में पहचाना गया है
सत्य और न्याय
और प्रेम और सत्य
तब उस सत्य की अहमियत में
जो हमें मुक्त करेगा
शामिल है कोल्टन का सत्य भी
कोल्टन जो आपके सेलफ़ोन के भीतर है
जिस पर आप बात करते हैं करते जाते हैं
और हँसते हैं सेलफ़ोन पर बात करते हुए
झकझोड़ देने वाली कविता . किसी को भी हक़ीक़त नहीं मालूम इस मोबाइल के बारे में . मंगलेश डबराल का धन्यवाद के उन्हों ने इतनी अच्छी कविता जो के हक़ीक़त है हमें पड़ने के लिए दिया नहीं तो हमें मालूम ही नहीं होता कांगो में गृहयुद्ध के कारण .
KIYA SAHI BAAT HAI KE MOBILE ME KETON USE HOTA HAI. AGAR SAHI HAI TO HAME AFSOS HO GA KE IS KE KARAN ITNE BACHCHE MAR RAHE HAI . IS KA KOI AUR HAL KHOJNA CHAHIYE